Monday 27 January, 2014

विशवास

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विशवास होता है
कांच के जैसा
एक बार जो
टुट जाये
जुड़्ता ना पहले जैसा

विशवास से चलती है
दुनिया सारी
निभाओ इसे
पाओ खुशियां सारी

विशवास से जुड़
जाते है रिश्ते
पराओ मे भी
मिल जाते है
अपने रिश्ते

विशवास से ही
माता पिता अन्जान
लड़्के को देते है
अपनी बेटी का हाथ
जो निभाता है
जीवन भर उसका साथ

विशवास से पत्थर
 भी बन जाते है भगवान
जिसे पूजते है
दुनिया के सभी इन्सान
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गरिमा कान्सकार
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