जिस काम
मे ना हो मन
उसे कभी नही
करना चाहिये
जिस काम मे
हो मन
उसी काम को
करना चाहिये
मन ना होने से
बिगड़ जाता है काम
मन होने से
सवर जाता है काम
और हमारी प्रतिभा
निखर के
आती है सामने
हम होते है
शोहरत के
आसमान पर
हम छूते है
कामयावी की
बुलंदियो को
और हमे
मिल जाता है
सब कुछ
==============
गरिमा
==============
मे ना हो मन
उसे कभी नही
करना चाहिये
जिस काम मे
हो मन
उसी काम को
करना चाहिये
मन ना होने से
बिगड़ जाता है काम
मन होने से
सवर जाता है काम
और हमारी प्रतिभा
निखर के
आती है सामने
हम होते है
शोहरत के
आसमान पर
हम छूते है
कामयावी की
बुलंदियो को
और हमे
मिल जाता है
सब कुछ
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गरिमा
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