Thursday 31 August, 2017

तुम्हारे दर्द के
बिखरे शूलों को
तुम समेट लो
अपने आप में
बाहर मत
निकलने दो
निकलेगे जैसे
बाहर चुभ चुभ कर
कर देंगे
लहूलुहान
आप हो जायेंगे
हैरान परेशान
गरिमा
वो एक प्यारा सा बच्चा है
क्या कहूँ कितना  अच्छा है
भोला सा प्यारा सा
दिल का कितना सच्चा है
वो मेरे दिल का हिस्सा है
जिसके संग बनता मेरे
जीवन का हर पल किस्सा है
वो भाई मेरा कितना अच्छा है
हमारी ज्यादा बात नही हो पाती
जिंदगी की दौड़ भाग में
फिर हमारे रिश्ते का एहसास
इतना गहरा है की एक की
चोट में दूसरा तड़प उठता है
ऐसा ही प्यार से भरा प्यारा
सा हमारा रिश्ता है
दुनियां में सबसे प्याराभाई मेरा है
गरिमा

अपने आपको सदा ही नायाब लिख
हो सके तो जिंदगी को ख्वाब लिख

जिंदगी तो रिश्तों से ही चलती रही
कुछ वक्त तू अपना अहबाव लिख

ख़ुशी और गम हिस्सा है जिंदगी का
हर पल तू होंठो पे शादाब लिख

दर्द हर किसी का गहरा यहाँ पर
आँखों में ही तू दर्द का गिर्दाब लिख

इल्म तो सबको होता है झूठ का
तू आगे आकर सच का सैलाब लिख


गरिमा

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जब से
दुनियां में
जन्म लिया
यही सुनते सुनते
बड़ी हुई हूँ
की हम
पुरुष प्रधान
समाज में रहते है
कितनी भी की जाये
बराबरी  बातें
लेकिन लड़कियों
को कुछ करने की
कहने की आजादी नही
वो हो कितनी भी
काबिल
रहती है
एक लछमण रेखा के अंदर
जैसे ही पड़ते है कदम
इस रेखा से बाहर
लहूलुहान हुए हम
###########
गरिमा

आपकी ख़ुशी के लिए
आपको भूलने का
दिखावा करेगें हम
हमे ही पता है
कैसे जियेंगे हम.....

दूर रहना आपसे
मजबूरी है हमारी
आपकी ख़ुशी के
लिए जरूरत हमारी....

हमारे जीने के लिए
सांसे काफी नही
आपका एहसास
भी जरुरी है.......


इस एहसास के
सहारे कटेगी जिंदगी
तभी तो होगी
जिंदगी पूरी

गरिमा
नही रहती हमेशा एक सी रंगत जमाने की
आज हर कोई ढूंढता है वजह मुस्कुराने की

न करो ख़ुशी के लिए कभी बहाने की तलाश
 बिखरी पड़ी ख़ुशी जरूरत नजर उठाने की

दर्द हमेशा रहता है एक जैसा इसे सहना ही होगा
लोगो की आदत होती है मजाक बनाने की

आजकल हर कोई बने फिरता गिरगिट
है जरूरत उनसे बचके निकल जाने की

तुम्हारी आदत ही रही हमेशा हमे आजमाने की
हमें आदत रही है हमेशा रिश्ते निभाने की
 
गरिमा