तुम्हारे दर्द के
बिखरे शूलों को
तुम समेट लो
अपने आप में
बाहर मत
निकलने दो
निकलेगे जैसे
बाहर चुभ चुभ कर
कर देंगे
लहूलुहान
आप हो जायेंगे
हैरान परेशान
गरिमा
बिखरे शूलों को
तुम समेट लो
अपने आप में
बाहर मत
निकलने दो
निकलेगे जैसे
बाहर चुभ चुभ कर
कर देंगे
लहूलुहान
आप हो जायेंगे
हैरान परेशान
गरिमा