Thursday 9 May, 2013

शिक्षा आभूषण है जीवन का इसे सजाये रखना
बालको के भविष्य सृजन में स्वाभिमान बनाये रख्ना
जीवन की प्रतिकूल राहों में झा भी जाये आप
शिक्षा की खुशबू को महकाये रखना

गरिमा
जब याद
तुम्हारी आती है माँ
धड़कन भी थम
जाती है
और एक
कविता बन जाती है
जब याद
मुझे आता है
तेरा लोरी गा
के मुझे सुलाना
और चाय बना कर
मुझे जगाना
एक पल को धड़कन
थम जाती है
और एक कविता बन जाती है
मेरे बीमार होने पर
रातो को जागना
और हर पल मेरे
ठीक होने की दुआ करना
हर पल में याद
तेरी आती है माँ
एक पल को
धड़कन थम जाती है
और एक कविता
बन जाती है
जब कोई गलती
में कर जाऊ
और तुम्हे बताऊ
तो चुपके कह जाना
कुछ नही होता बेटा
आगे से ऐसा मत करना
जब याद आते है
ये पल
धड़कन थम जाती है
और एक कविता जाती है
जब भी में उदास हो जाऊ
ऐसा लगे की मै हरने लगी हूँ
पथ में चलते हुए निरंतर
थकान का लगे बिस्तर
तो चुपके से आके
मेरी हिम्मत बढ़ा जाती हो
माँ याद बहुत आती हो तुम ....
उस क्षण याद तेरी सहला जाती है
और एक कविता बन जाती है ...........
गरिमा
 

Wednesday 8 May, 2013

पानी बचाओ पानी बचाओ
एक एक बूंद पानी बचाओ
मगर सार्थकता तब है
जब हर एक बूंद पानी बचाओ
गरिमा
बिना कहे मन की बात समझ जाती है माँ
बिना मांगे सलाह दे जाती है माँ
ऐसा कोई और नही होती दुनिया में
हर पल ये एहसास दिल जाती है माँ
पापा को कहा आता है प्यार जताना
पापा को तो आता है फर्ज निभाना
दिल में छुपा हो लाख प्यार
पापा को कहा आता है एहसास कराना

Thursday 2 May, 2013

पिता हमे अकेले सम्भाल सकते है
हम सब मिलकर उन्हें सम्भाल सकते है
उनकी सेवा का अवसर मिलता है कहा सबको
हम ये फर्ज तो निभा सकते है
गरिमा
अच्छे के साथ अच्छा ही होता है
बुरे के साथ बुरा ही होता है
सच्चे दिल से चाहने से
हमेशा अच्छा ही होता है
गरिमा
झूट सच क्या
मुखोटे हाँ चेहरे
रंग बदले
माँ की ममता
निस्वार्थ है दुलार
फ़र्ज़ निभाये
बेटिया भी कितनी अजीब होती है
दूर रहकर भी करीव होती है
रोज मिलती नही हमसे
फिर भी हर पल साथ होती है
रूठे हुए चेहरे भी हँसते नजर आते है
बंजर में भी फूल खिलते नजर आते है

जिन्दगी गुजर रही थी गमो के सहारे
अब खुशियों के असार नजर आते है

जिन्दगी की हर राह में था अँधेरा
अब उजाले के असार नजर आते है