Thursday 30 January, 2014

यादे
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यादे भी कितनी
अजीब होती है
हमेशा दिल के
करीब होती है

बुरी यादो को
याद नही करना
चाहता है
दिल फिर भी
बार- बार
सामने आती है

अच्छी यादे
इतनी अच्छी
लगती है
कि उनसे बाहर
आने को दिल
चाहता ही नही

फिर भी यादे
तो यादे होती है
है तो हिस्सा
अतीत का
जिसे जितना भी
याद करो
हाथ तो कुछ
आयेगा ही नही

अतीत से सीखकर
आगे बढ़ो
वर्तमान बनाओ
 तभी तो
भविष्य के लिये
यादे संजोकर
रख पाओ
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गरिमा
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Wednesday 29 January, 2014

सोच
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ज्याद सोच
इंसान को बना
देती है कमजोर
पर सच तो
यह है कि
सोच पर
किसका जोर

ये तो आईना है
आपके व्यक्तित्व का
ये बताती आप है
कितने परिपक्य

ये बदलती  है
परिस्थिति अनुसार
परिस्थिति हो जैसी
बन जाती वैसी

सोचने से
 क्या होता है
जो होना है
वो तो होता  ही है

ज्यादा ना सोचे
जो  करना है करे
आप अपने आप पर
और अपने कर्म पर
 विश्वास करे

आगे बढ़े
फिर देखे
आप जो चाहते थे
वही हो  रहा है
============
गरिमा


Tuesday 28 January, 2014

जिस काम
 मे ना हो मन
उसे कभी नही
करना चाहिये
जिस काम मे
 हो मन
उसी काम को
 करना चाहिये
मन ना होने से
 बिगड़ जाता है काम
मन होने से
 सवर जाता है काम
और हमारी प्रतिभा
निखर के
 आती है सामने
हम होते है
शोहरत के
आसमान पर
हम छूते है
कामयावी की
 बुलंदियो को
और हमे
 मिल जाता है
सब कुछ

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गरिमा
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कितना  नादान है
इन्सान
अगले पल का
पता नही
सपने सजाता है
आने वाले कल के
क्या होगा
आने वाले पल मे
सिर्फ जानता
वो खुदा है
जिसने लिखी है
तकदीर हमारी
चलो आज के संग
ना देखो
सपने कल के
जो वो खुदा दे
उसे अपनाओ
पूरे मन से
उसकी मर्जी को
अपनी मर्जी बनाओ
फिर देखो
कैसे तुम
हर पल
खुशियो को पाओ
मायूसी और उदासी से
हमेशा के लिये
पीछा छुड़ाओ
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गरिमा
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Monday 27 January, 2014

पापा ऐसे होते है
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पापा पेड़ की जड़ तरह होते है
जो हर पल हमे थामे रहते है
चाहे हो सुख की बहार
या हो दुःख का पतझड़
हर पल थामकर
हाथ हमारा संग हमारे
मुस्कुराते रहते है
पापा ऐसे होते है .............
अपने बच्चो की ख़ुशी
के लिए हर तूफान को
हँस कर सह जाते है
हर ना मुमकिन
को मुमकिन कर जाते है
पापा ऐसे होते है .....................
डाँटते है हमारे भले के लिए
हमारे रोने पर
खुद भी चुपके चुपके
आंसू बहाते है
पापा ऐसे होते है ................
दिल में छुपा हो
ढेर सारा प्यार
बाहर से कठोर रहते है
कभी ख़ुशी से
कभी गुस्से से
हमारी हर जिद
मान लेते है
पापा ऐसे होते है ...............
हमारे सपने पूरे करने के लिए
अपने सपने भूल जाते है
और कहते है
मै हूँ ना
सब हो जायेगा
तू चिंता मत कर
सच
पापा ऐसे होते है ................

गरिमा कान्सकार
 
पेट कि आग
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पेट कि आग मे
इतना व्याकुल
हो जाता है इन्सान
कि अच्छे बुरे
के भेद से
हो जाता अन्जान

विवश्ता कि
परिधि मे जकड़े
जूठन मे खोजते है
खाने के लिये दाना
कुछ भी खाके
पेट को है
भर लेना

जो मिला
खा लिया हमने
कुछ भी खाकर
पेट भर लिया हमने

बड़ा कठिन है
गरीबी के इस
आलम मे
पेट कि आग
को शान्त करना
थोड़ा खाना
थोड़ा पानी पीकर
वक्त बिताते है
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गरिमा कान्सकार
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बनना है तो पुष्प बनो
अपनी खुशबू से सबके मन को मोहो
कांटो के बीच रहकर भी
अपनी खुशबू तुम ना छोड़ो
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गरिमा
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विशवास

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विशवास होता है
कांच के जैसा
एक बार जो
टुट जाये
जुड़्ता ना पहले जैसा

विशवास से चलती है
दुनिया सारी
निभाओ इसे
पाओ खुशियां सारी

विशवास से जुड़
जाते है रिश्ते
पराओ मे भी
मिल जाते है
अपने रिश्ते

विशवास से ही
माता पिता अन्जान
लड़्के को देते है
अपनी बेटी का हाथ
जो निभाता है
जीवन भर उसका साथ

विशवास से पत्थर
 भी बन जाते है भगवान
जिसे पूजते है
दुनिया के सभी इन्सान
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गरिमा कान्सकार
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अपनी सुरक्षा
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हेलमेट ना पहनने के
लाख बहाने बनाये आप
चोट लग जाने पर
पछ्ताये आप

हेलमेट ना पहनकर
चलाते है वाहन
जुर्माना मांगे जाने पर
करे बहस ट्रफिक पुलिस से
दुर्घटना हो जाने पर
कुछ ना कह पाये यमराज से

हेलमेट पहनकर
ही  चलाये वाहन
जिससे ना आये
कोई अलहन

अपनी  सुरक्षा
अपने हाथ
ताकी ना छूटे
अपनो का साथ
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गरिमा
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इस जन्म मे तेरे
हर सपने को
साकार रुप मिले
तुम्हारे चेहरे पर
हर पल मुस्कुराहट
के फूल खिले
तुम्हारी हर आरजू
तुम्हारे चाहने से
पहले पुरी होती मिले
तुम्हे तुम्हारे सपनो
का राजकुमार मिले
तुम्हे कभी गम
का साया ना मिले
जो भी तुम्हे मिले
उसमे तुम्हारे
संग उस खुदा की
भी रजा हो
जिससे तुम्हरी
मे हर पल मजा हो
आज हमारी प्यारी
गुड़ीया का है जन्मदिन
तो लाजमी है
दिल का भावुक हो जाना
और तामम शब्दो का
 दुआओ के रुप मे ढल जाना
जन्मदिन कि ढेर सारी शुभकामनाये
WHIS YOU A VERY VERY HAPPY
BIRTHDAY MY DEAR LOVELY SISTER

तू हर पल मेरे आसपास है
ऐसा होता मुझे एहसास है
हमे कभी मिलने कि जरुरत नही होती
तेरे हदय मे मेरा वास है मेरे हदय मे तेरा वास है
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गरिमा
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आज है ग्यारह जनवरी
और आज है मेरे प्यारे
बेटे का जन्मदिन
जिसे मैने जन्म नही दिया
ना पाला है
ना मिली हूँ
फिर भी वो मुझे
लगता बिलकुल अपना सा
मासूम इतना कि
अपनी मासूमियत से
कब वो मेरे दिल तक
पहुँच गया पता ही नही चला
और बन गया
मेरा प्यारा बेटा
 जब वो कहता दि मुझे तो
लगता है कि उसे
 दुनियाँ की हर खुशी लाकर दे दू
हमेशा खुश रहो मेरे बच्चे
दुनियाँ भर की खुशिया
तुम्हे मिले
तुम्हे कभी किसी की
बुरी नजर न लगे
ढ़ेर सारा प्यार के साथ
जन्मदिन की ढ़ेर सारी शुभकामनाये

तुम्हारी दि
दूरियाँ
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दूरियाँ  हमेशा
रास्तो के बीच
अच्छी लगती है
रिश्तो के बीच
दूरियाँ तकलीफ
देती है

दिलो मे दूरियाँ
रिश्तो मे दीवार
खड़ी कर देती है
दिलो कि दूरियाँ
बातचीत करने
से कम होती है

बातचीत करने से
हर उलझन
सुलझ जाती ह
कैसी भी हो दूरी
पल भर मे
कम हो जाती है
और उदास मायूस
चेहरो मे
फिर से मुस्कान
बिखर जाती है

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गरिमा
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दिखावा
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दिखावा करना आसान है
 पर इसे निभाना,
मुश्किल बहुत मुश्किल है
ये ऐसा दलदल है
जिसमें हम
 फँसते चले जाते हैं
 निकलने का कोई रास्ता
 नजर नही आता है
 हम इसमें खो जाते हैं
इतने अंधे हो जाते हैं
 कि हमें अपनों की भी
कोई परवाह नहीं होती
हम रिश्तों को
खोते चले जाते हैं
 तन्हा हो जाते हैं
 इतने तन्हा कि खुशी गम
 बाँटने वाला भी
 कोई नहीं होता है
 तो जो है,
जैसा है वैसे में ही खुश रहें
आगे बढ़ने के लिये
 गलत रास्तों का इस्तेमाल ना करें
नहीं तो जिंदगी नर्क से
 बद्त्तर बन जाती है
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गरिमा
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आखिर क्यो???
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आखिर क्यो ??
मार दी  जाती है
बेटीयाँ कोख मे
क्यो  नही लेती
जन्म दुनिया मे

जन्म ले भी लिया
तो जन्म लेते ही
घोट दिया जाता है
गला बेटीयो का
सुला दिया जाता है
मौत की  नींद
आखिर क्यो??

जो नही जुटा पाये
हिम्मत इतनी
की कोख मे
मार पाये
घोट पाये गला
वो बेटी के
जन्म लेते ही
छोड़ आते है
किसी अनाथ आश्रम मे
या किसी कूड़ेदान मे
या फिर वहा देते है
किसी नदि नाले मे
आखिर क्यो???

उस नन्ही सी
जान को  तकदीर
के भरोसे क्यो
छोड़ देते है
आखिर क्यो???
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गरिमा
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अनुभव
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हर अनुभव
कुछ न कुछ
सीखाकर जाता है
कभी रुला जाता है तो
कभी हँसा जाता है

अनुभव  से
मिलता ज्ञान
जिससे दूर होता
हमारे जीवन से अज्ञान


काम करने से
बढ़्ता अनुभव
जो कुछ  नही करता
उसे क्या होगा अनुभव

जब कोई नही
देता साथ
तब ये निभाता
आपका साथ

जीवन के हर
दिन के संग बढ़्ता
ये है ऐसा खजाना
जो कभी नही घटता

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गरिमा
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क्या बोले तस्वीर १८
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 जब भी देखती हूँ
दीपों की रोशनी
तो सोचती हूँ
 काश,
 मैं भी बन जाऊँ
 दीपक जैसी
जहाँ भी जाऊँ
रोशनी फैलाऊँ
सभी की जिन्दगी से
 गमों के अन्धेरे को
 दूर भगाकर सभी की
जिन्दगी को खुशियों से
रोशन कर पाऊँ
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 गरिमा
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अमावस का चाँद
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जब मैने खोली
इस दुनिया मे आँखे
वो रोते से मुस्कुरायी
मुझे सीने से
लगाकर उसने
दुनिया कि नयाब
खुशी पायी
फिर क्या
मै बढ़्ने लगी
पूनम के चाँद
की तरह
उसने हर पल
मेरा साथ दिया
मेरे हमसाये कि तरह
मेरी खुशी मे
मुस्कुराती थी
मेरे गम मे
सिसकिया भरती थी
पर मुझे कभी कमजोर
नही पड़्ने देती  थी
हर पल मेरी जिंदगी मे
करती थी चाँदनी सी रोशनी
उसके जिंदगी लगती
कितनी आसान थी
मै मुसीबत शब्द
से अंजान थी
हर पल मेरी
हिम्मत बढ़ाती थी
निराशा मे भी
आशा जगती थी
आज भी हर पल
मुझे थामे रहती है
मेरी बाते भी सुनती है
पर ना बोलती है
ना नजर आती है
अमावस के चाँद
कि तरह
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गरिमा
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पेड़ हमेशा मुस्कुराता है
गर्मी की धूप हो या
बारिश का पानी
या हो कड़ाके कि ठंड
सब कुछ सह जाता है
पेड़ हर हाल मे
मुस्कुराता है
 हमे हर हाल
मे खुश रहने का
पैगाम दे जाता है
पतझड़ का सितम भी
हँस के सह जाता है
रखता है सब्र
नयी पत्तियो के
आने तक
ऐसे ही आते है
जिंदगी मे उतार चढ़ाव
ये पैगाम दे जाता है
पेड़ हर हाल मे
मुस्कुराता है
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गरिमा
=============
क्यो मनाये हम नववर्ष
क्या नया होता है नववर्ष मे
क्या सुरज पूरव
की जगह पशिचम
से निकलता है
क्या चंद्रमा
रात की जगह
दिन मे निकलता है
क्या नया होता है
इस दिन मे
कुछ तो नया नही होता है
सब कुछ तो वही होता है
वही दिन वही रात
वही सूरज वही चांद
वही आसमान
वही आप वही हम
तो क्यो मनाये हम
इस दिन का जश्न
हर दिन नया दिन होता है
जिसे पूरे जोश के साथ
शुरु करना चाहिये
सकारात्मक सोच के साथ
अतीत से सीखकर आगे बढ़े
जिंदगी आगे बढ़्ने का नाम है
इन्ही संकल्पो के साथ
नववर्ष की शुरुवात करे

प्यारी डाँट
======

सुवह डाँट डाँटकर
जल्दी से हमे उठाती है
और रात को डाँट डाँटकर
हमे जल्दी से सुलाती है

घर से खाना खाये
बिना जाने पर डाँटती है
घर से बाहर निकालने
कि धमकी देकर
हमे खाना खिलाकर
घर से भेजती है

बारिश मे भीगकर
घर आने पर
डाँटकर तोलिये से
सिर पोछती है

हमे देखकर
हमारे दिल का हाल
समझ जाती है
 डाँट डाँटकर हमसे सब
सच उगलवा लेती है

इसे आप जो कहो
जो समझो
माँ के प्यार
जताने का अंदाज
निराला होता है

उसकी हर डाँट
मे हमारी परवाह
हमारे लिये लाड़
प्यार छुपा होता है

समझ सको तो
समझ लो ये डाँट
बहुत प्यारी होती है
किस्मत वालो को
नसीब होती है
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गरिमा
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मेरी जिंदगी मेरा बेटा
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उसकी हर मुस्कुराहट
से खिल उठता हूँ
भुला के जिंदगी के
दर्द सारे
फिर से जी उठता हूँ

लगता है खुदा ने
कर दी है खुशियो
की बारिश मेरी ओर
उसकी इस रहमत
को सजदा करता हूँ

उसकी आँख का
इक आँसू
कर देता है
मुझे व्याकुल इतना
मानो लगता है
जिंदगी नही मेरे पास

उसकी जिंदगी से
मायूसी को दूर भगाकर
उसकी खुशियो के
लिये हर मुमकिन
कोशिश  करता हूँ

मेरे बेटे कि राह मे
हर पल फूल
खिले खुशियो के
कभी गमो से
 ना हो सामना
यही दुआ हर पल
मै करता हूँ
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गरिमा
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बेटा हो गया पराया
===========

हुआ बेटे का जन्म
हुए बहुत खुश हम
घर घर बाँटी मिठाई
खुशियाँ मनाई
जश्न मनाया
थाम के अंगुली
चलना सिखाया उसे
उसकी हर ख्वाहिस
पूरी कि उससे
कहने से पहले
उसने जो चाहा
उसे वो देने कि
कोशिश कि
हर पल उसकी
खुशी मे मुस्कुराता रहा
आज हुआ
मेरा बेटा बड़ा
वाजे गाजे से निकली
उसकी बारात
घोड़ी चढ़
बेटा ले आया
बहू
आते ही बहू के
मेरा बेटा
 मेरा नही  रहा
हो  गया पराया
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गरिमा
============
जिस काम
 मे ना हो मन
उसे कभी नही
करना चाहिये
जिस काम मे
 हो मन
उसी काम को
 करना चाहिये
मन ना होने से
 बिगड़ जाता है काम
मन होने से
 सवर जाता है काम
और हमारी प्रतिभा
निखर के
 आती है सामने
हम होते है
शोहरत के
आसमान पर
हम छूते है
कामयावी की
 बुलंदियो को
और हमे
 मिल जाता है
सब कुछ

==============
गरिमा
==============