Sunday 21 April, 2013

कविता से दोस्ती
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जब से हुई कविता
से मेरी दोस्ती
हर पल बीतता
हँसता मुस्कुराता ..............

दूर हुई मेरे
जीवन से उदासी
अब मेरी जिन्दगी
नई सुबह सी ......................

खो गये गम के
बदल पल भर में
खुशियों से भर
गई मेरी जिन्दगी
बस एक पल में

अब मुझे लगता है
जीवन का पल प्यारा
जी लो हर पल को
जी भर के ये पल
न आएंगे दुबारा .............

हर डगर में आती है रोशनी नजर
अब कही नही है अँधेरा
हो गया है मेरे
जीवन का नया सवेरा
गरिमा
आलोचना

आलोचनाओ से
विचलित न हो
अपने काम में
मग्न हो

आलोचनाए लाती
प्रतिभा में निखार
जिससे हम
हो जाते होशियार

जो आलोचनाओ
के अम्रत को पीता है
वो सरलता से
जीवन जीता है

आलोचनाए वो
शिल्पी है
जो हमे पत्थर से
पारश में ढलती है

गरिमा

Wednesday 10 April, 2013

खूबसूरत
दिल की नजर से
हर इंसान

Saturday 6 April, 2013

Tuesday 2 April, 2013