न वन नादान
===========
क्यों खोया है
मानव तू
भूत भविष्य
के मंथन में.............
भूत बसा यादों में
भविष्य बाह पसारे
सामने है वर्तमान
मुस्कुराती चितवन में ................
क्यों भूत को रखा थाम
भविष्य की चिंता क्यों
भटके मन जीव क्यों सघन में .............
अपने मंथन से
मुक्त हो
हे विकल मन तू
विचर जरा मुक्त गगनं में.............
वर्तमान है
कितना सुन्दर
हर पल में है आनंद
मन भ्रमरों के गुंजन में ................
इस आनद को
मत खो तू मानव
ये जीवन है वरदान
ढूंढ खुशियाँ इसके आँगन में...............
एक एक पल का
उठा ले तू आनंद
जीवन का सबसे
सुंदर पल है वर्तमान
जी ले नादान इसके हर पल में .........गरिमा
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क्यों खोया है
मानव तू
भूत भविष्य
के मंथन में.............
भूत बसा यादों में
भविष्य बाह पसारे
सामने है वर्तमान
मुस्कुराती चितवन में ................
क्यों भूत को रखा थाम
भविष्य की चिंता क्यों
भटके मन जीव क्यों सघन में .............
अपने मंथन से
मुक्त हो
हे विकल मन तू
विचर जरा मुक्त गगनं में.............
वर्तमान है
कितना सुन्दर
हर पल में है आनंद
मन भ्रमरों के गुंजन में ................
इस आनद को
मत खो तू मानव
ये जीवन है वरदान
ढूंढ खुशियाँ इसके आँगन में...............
एक एक पल का
उठा ले तू आनंद
जीवन का सबसे
सुंदर पल है वर्तमान
जी ले नादान इसके हर पल में .........गरिमा
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