लक्ष्य
::::::::::::::::::::
लक्ष्य तक पहुँचे बिना
राह में आराम कैसा?
जो अधूरा रह जाये
वो काम कैसा ?....
लक्ष्य है अति दूर
दुर्गम है राह
जो राह हो आसन
वो मुकाम कैसा ?....
कांटे ही कांटे
है राह मे
जो न चुभे
तो जीत का मजा कैसा ?....
राह के काँटों
को पुष्प हम
बनाते चले,
अपने सपनों का
महल हम सजाते चले....
चलना ही जीवन है
तो रह में रुकना कैसा,
रुक जाये जो राह में
वो मुसाफिर कैसा ?.....
रायफल से निकली गोली
ठहरती कब है,
अपने निशाने से
चूकती कब है ?......
देखते ही देखते
करती है लक्ष्य भेद,
लक्ष्य मिले तो
हो जाता उस जगह छेद......
प्रेरित गोली है लक्ष्य
तो राह में रुकना कैसा,
लक्ष्य भेद किये बिना
राह में रुकना कैसा ?......
वही है राहगीर
जो चले निरंतर राह में,
निरंतरता में जीत छुपी
चल बढ़ा कदम राह में......
हार बैठे जो राह में
राहगीर कैसे उसका नाम,
चलना और पहुंचना
अपने लक्ष्य पर उसका काम......
सूरज की किरणे
जब पहुंचे धरा पर
दूर करेअँधियारा,
अपनी रोशनी से
चंहुं ओर करे उजयारा.....
इस उजयारे में
दिख रहा है लक्ष्य
अति निकट,
कर प्रयास और
पहुंच लक्ष्य के निकट.....
बस बढ़ते चलो - बढते चलो
जल्द ही सच होगा सपना,
सपना, जो है तुम्हारे हृदय मे
है तुम्हारा अपना......
- गरिमा
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लक्ष्य तक पहुँचे बिना
राह में आराम कैसा?
जो अधूरा रह जाये
वो काम कैसा ?....
लक्ष्य है अति दूर
दुर्गम है राह
जो राह हो आसन
वो मुकाम कैसा ?....
कांटे ही कांटे
है राह मे
जो न चुभे
तो जीत का मजा कैसा ?....
राह के काँटों
को पुष्प हम
बनाते चले,
अपने सपनों का
महल हम सजाते चले....
चलना ही जीवन है
तो रह में रुकना कैसा,
रुक जाये जो राह में
वो मुसाफिर कैसा ?.....
रायफल से निकली गोली
ठहरती कब है,
अपने निशाने से
चूकती कब है ?......
देखते ही देखते
करती है लक्ष्य भेद,
लक्ष्य मिले तो
हो जाता उस जगह छेद......
प्रेरित गोली है लक्ष्य
तो राह में रुकना कैसा,
लक्ष्य भेद किये बिना
राह में रुकना कैसा ?......
वही है राहगीर
जो चले निरंतर राह में,
निरंतरता में जीत छुपी
चल बढ़ा कदम राह में......
हार बैठे जो राह में
राहगीर कैसे उसका नाम,
चलना और पहुंचना
अपने लक्ष्य पर उसका काम......
सूरज की किरणे
जब पहुंचे धरा पर
दूर करेअँधियारा,
अपनी रोशनी से
चंहुं ओर करे उजयारा.....
इस उजयारे में
दिख रहा है लक्ष्य
अति निकट,
कर प्रयास और
पहुंच लक्ष्य के निकट.....
बस बढ़ते चलो - बढते चलो
जल्द ही सच होगा सपना,
सपना, जो है तुम्हारे हृदय मे
है तुम्हारा अपना......
- गरिमा
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