Thursday 31 August, 2017

तुम्हारे दर्द के
बिखरे शूलों को
तुम समेट लो
अपने आप में
बाहर मत
निकलने दो
निकलेगे जैसे
बाहर चुभ चुभ कर
कर देंगे
लहूलुहान
आप हो जायेंगे
हैरान परेशान
गरिमा

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