अहंकार
अहंकार है विनाश का द्वार
अहंकार के भाव से शिखर से
धरातल पर आ जाता मानव
जैसे सर्कस के कर्तव में
रस्सी में चलता कलाकार
ध्यान भंग हो जाने पर
आ जाता नीचे
अहंकार है विनाश का द्वार
अहंकार के भाव से उन्नति का
का हो जाता परिवर्तन अवनति में
अहंकार से हो जाती कला की हानि
इससे होता नही किसी का भला
ये है सबसे बुरा
इसके साथ होता नही कोई
ये रहता हरदम अकेला
अहंकार है विनाश का द्वार
गरिमा
अहंकार है विनाश का द्वार
अहंकार के भाव से शिखर से
धरातल पर आ जाता मानव
जैसे सर्कस के कर्तव में
रस्सी में चलता कलाकार
ध्यान भंग हो जाने पर
आ जाता नीचे
अहंकार है विनाश का द्वार
अहंकार के भाव से उन्नति का
का हो जाता परिवर्तन अवनति में
अहंकार से हो जाती कला की हानि
इससे होता नही किसी का भला
ये है सबसे बुरा
इसके साथ होता नही कोई
ये रहता हरदम अकेला
अहंकार है विनाश का द्वार
गरिमा
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