Monday 3 June, 2013

नमस्कार मित्रो ,आप सभी को मदर्स डे की ढेर सारी शुभकामनाये माँ शब्द अपने आप में इतना विशाल और विस्तृत है की माँ के बार जितना कहा जाये और लिखा जाये कम है हमने अपने भावो को शब्दों में पिरोकर आपके समक्ष रखने को कोशिश की है

माँ तो माँ होती है
ुख दुःख की साझी
प्यारी सहेली होती है
न तो सगी होती
न तो सौतेली होती है
माँ तो माँ होती है
फिर क्यों पुकारा
जाता है उसे सगी
और सौतेली के नामों से
माँ तो सागर है प्यार का
जिसकी हर लहर प्रेम से
सजीली होती है
ममता की फुहार है माँ
क्या अपना क्या पराया
के भेद से परे है माँ
फिर क्यों दुनिया
ना जाने प्रेम को उसके
समझे कुनैन
की कडवी गोली होती है
जननी से ज्यादा हक़
है लालन पालन करने
वाली माँ का तभी तो
पूजा जाता है माँ यशोदा को
माँ सिर्फ प्रेम की बोली होती है
माँ के चरणों में होता स्वर्ग
माँ सिर्फ होती है खालिस माँ
स्नेह से स्निग्ध ममतामई
निस्वार्थ प्रेम की गोली होती है .......
गरिमा
 

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