तिनका तिनका जोड़ के
बरसो मे बनते है रिश्ते
हवा के इक झोके से
पल मे बिखरते है रिश्ते
कोई हो कितना भी अजीज
चाहे हो कितना भी मीत
एक गलती से ढह जाती है
कितने भी मजबूत रिश्तो की इमारत
रिश्ते आपसी समझ और
विश्वास पर टिके होते है
विश्वास टूटा तो रिश्ता टूटा
टूट जाता है इंसान
बिखर जाता है इंसान
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गरिमा
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बरसो मे बनते है रिश्ते
हवा के इक झोके से
पल मे बिखरते है रिश्ते
कोई हो कितना भी अजीज
चाहे हो कितना भी मीत
एक गलती से ढह जाती है
कितने भी मजबूत रिश्तो की इमारत
रिश्ते आपसी समझ और
विश्वास पर टिके होते है
विश्वास टूटा तो रिश्ता टूटा
टूट जाता है इंसान
बिखर जाता है इंसान
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गरिमा
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बहुत शानदार रचना....
ReplyDeleteवर्ड व्हेरिफिकेशन को कृपया हटा देवें
सादर....
आपकी लिखी रचना बुधवार 19/02/2014 को लिंक की जाएगी...............
ReplyDeletehttp://nayi-purani-halchal.blogspot.in
आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
Thanku
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